रूस और यूक्रेन युद्ध के भयंकर परिणाम : ज्योतिष की नजर से

रूस और यूक्रेन युद्ध के भयंकर परिणाम : ज्योतिष की नजर से

जैसा की आप सभी जानते है की रूस और यूक्रेन में युद्ध शुरू हुए तीन दिन हो चुके हैं| रूस है रुकने का नाम नहीं ले रहा है और यूक्रेन झुकने को तैयार नहीं है| अमेरिका और उसके पिछलग्गू यूरोप के शांति के ठीकेदार देश दुम दबा के बैठ गए हैं|

सही मायने में कई ज्योतिषियों ने अघोषित युद्ध के खतरे की बात की थी लेकिन लेकिन वास्तविक युद्ध की भविष्यवाणी शायद किसी ने नहीं की थी| कुछ ज्योतिषियों ने कहा था की लड़ाई टल जाएगी| ऐसे में ये देखना जरूरी हो जाता है की सभी के आंकलन को झूठा साबित करने वाले पुतिन की कुंडली में ऐसा क्या है |

पुतिन की कुंडली


पुतिन का जन्म  ७ अक्टूबर १९५२ को सेंटपीटरबर्ग में दोपहर को हुआ था| उसके अनुसार उनकी कुंडली वृश्चिक लग्न की बनती है| वृश्चिक लग्न के अनुसार उनका व्यक्तित्व भी काफी रहस्यमयी है| उनको समझना कठिन है| उच्च का चन्द्रमा सातवें भाव में स्थित होने से वे मानसिक रूप से बहुत ही मजबूत हैं|  मंगल बाल्य अवस्था में होने के बावजूद गुरु की अग्नि तत्व की धनु  राशि से अत्यंत प्रबल हो जाता है| दसमेश सूर्य लाभ भाव में शनि के साथ स्थित है| लाभ भाव में सूर्य और शनि की युति अपने आप में एक विरोधाभास भी दिखाती है| वक्री गुरु अपने मित्र मंगल ले मूल त्रिकोण राशि मेष में छठवें भाव में होने से वे कूटनीति के अजेय योद्धा बन जाते हैं| इन स्थितियों की वजह से वे लम्बे समय से सत्ता में बने हुए हैं|  शुक्र अपनी मूलत्रिकोण राशि तुला में स्थित होने की वजह से वे जीवन में शानो शौकत को पूरा महत्त्व देते हैं| शुक्र उनकी कुंडली में मारक भी हैं| 

 

अगर दशा की बात करें तो वर्तमान में उनकी बुध की दशा में बुध का अंतर और चन्द्रमा का प्रत्यान्तर चल रहा है| बुध उनकी कुंडली में लाभ भाव और अष्टम भाव के स्वामी हैं| दशनाथ की दशा में उनके खुद की अन्तर्दशा में कोई खास लाभ नहीं होता| ऐसे में युद्ध जीतने के बावजूद कोई बहुत अच्छे परिणाम रूस को मिल पाने में संदेह है|

  २३ अप्रैल से केतु की अन्तर्दशा शुरू होने से उनका रुतबा विश्व राजनीती में और बढ़ सकता है| लेकिन १४ जून से शुक्र की अन्तर्दशा शुरू होने के साथ उनको युद्ध के वास्तविक नुक्सान के परिणाम मिलने शुरू हो जायेंगे|  

बोलोदिमीर बेलेंस्की की कुंडली



आइये अब यूक्रेन के राष्ट्रपति बोलोदिमीर बेलेंस्की की कुंडली पर एक नजर डालते हैं| बेलेंस्की २५ जनवरी १९७८ को दोपहर में उक्रेन के क्रीवा शहर में पैदा हुए थे|

सूर्य और शुक्र की भाग्य भाव में युति और तीसरे भाव में स्वग्रही चन्द्रमा के साथ वक्री मंगल की युति ने एक हास्य कलाकार को राष्ट्रपति के पद तक बहुत कम उम्र में पंहुचा दिया| कुंडली में गुरु, मंगल और शनि जैसे महत्वपूर्ण ग्रहों का वक्री होना कहीं से भी अच्छा नहीं कहा जा सकता है| पराक्रमेश चद्र्मा की दशा में अष्टमेश गुरु की अन्तर्दशा बहुत ही अशुभ है| अष्टमेश के साथ एकादशेश होने के कारण गुरु की अशुभता बढ़ जाती है| मंगल इस कुंडली में मारक भी है| ये परिस्थितियां उनके लिए कठिन हैं और संभावित खतरे की ओर इशारा करती हैं|

ज्योतिष को वेदों की आंख कहा जाता है क्युकि यह ज्ञान के चक्षु जैसे कि मन, बुद्धि और आत्मा को एकाग्र कर देता है जिसके द्वारा मनुष्य भविष्य की योजनाओं बना सकता है और संभावनाओं को तलाश सकता है| भारत और भारतीय हर तरह की हिंसा के खिलाफ हैं और सभी पक्षों से शांति बनाने का अनुरोध करते है जिससे मानवता को भीषण खतरे से बचाया जा सके|

समस्त लोका: सुखिनो भवन्तु| ॐ शांति शांति शांति

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