विधान सभा चुनाव २०२२ : क्या कहते हैं सितारे? कई बड़े पेड़ गिरने की सम्भावना

विधान सभा चुनाव २०२२ : क्या कहते हैं सितारे? कई बड़े पेड़ गिरने की सम्भावना

                            ध्रुवं ते राजा वरुणो, ध्रुवं देवो वृहस्पतिः|

                            ध्रुवं त इन्द्रश्चाग्निश्च राष्ट्रं धार्यताम ध्रुवम ||

 (May Varun Devta make your kingdom stable; may Brihaspati make it stable, Indra Agni also hold it in stability)

जैसा किआप सभी जानते हैं की पांच राज्यों यूपी, पंजाब, गोवा, मणिपुर और उत्तराखंड में चुनाव होने जा रहे हैं| इन चुनावों को २०२४ में होने वाले लोक सभा चुनावों से पहले एक सेमीफाइनल की तरह देखा जा रहा है| सभी राजनैतिक दल पहले से अपने अपने दीर्घ कालिक और अल्पकालिक नीतियों पर काम करना शुरू कर दिया था| तथा कथित आंदोलन इत्यादि इसी कड़ी का हिस्सा थे|

इन राज्यों में सबसे प्रमुख राज्य उत्तर प्रदेश की बात करते हैं कि चुनाव का परिणाम क्या हो सकता है| एक बात यहाँ पर कहना चाहते हैं की इसके लिए किसी प्रकार का ओपिनियन पोल नहीं बल्कि भारतीय ज्योर्तिष की मुंडेन पद्धति का प्रयोग किया गया है| यह पद्धति खगोलीय ग्रहों की स्थिति के आधार पर भविष्यवाणी करती है| इस परिक्रिया में ज्योतिर्विद पूरी निष्पक्षता रखता है| 

जैसा की आप जानते हैं की वेद पुरुष के छह अंग बताये गए हैं -

व्याकरण शास्त्र - वेद का मुख

ज्योतिष शास्त्र - दोनों नेत्र

निरुक्त - दोनों कान

कल्प शास्त्र - दोनों हाथ

शिक्षा शास्त्र - वेद की नासिका और

छंद शास्त्र - वेद पुरुष के दोनों पैर कहे गए हैं 

जयोतिष विज्ञानं हमारे असंख्य ऋषियों मुनियों की एक अनुपम भेंट है| प्राचीन काल में ज्योतिष राजा से लेकर जन सामान्य तक के जीवन में अहम् हिस्सा था| कालांतर कलियुग के प्रभाव से समुद्री लुटेरों के लम्बे समय तक लूटपाट की वजह से हमारी शिक्षण संस्थाएं तबाह हो गयी और बहुत से ग्रन्थ नष्ट कर दिए गए या विदेशी उन्हें उठा ले गए| कई कतिपय ग्रन्थ आज भी यूरोप के पुष्तकालयों में उपलब्ध हैँ|

ज्योतिष में चुनाव परिणाम सम्बन्धी फल कथन की परिक्रिया

किसी राज्य के चुनाव से सम्बंधित फल कथन के लिए कुंडली के भावों को समझना जरूरी होता है| कुंडली के भावों का व्यक्ति विशेष और राज्य विशेष के लिए अलग अलग महत्त्व होता है| सुविधा के लिए हम व्यक्ति विशेष और राज्य विशेष दोनों का मतलब हम यहाँ उद्धृत करना चाहते हैं|

भाव संख्या

भाव के सामान्य कार्यकत्व

राज्य सम्बंधित कार्यकत्व

1

सामान्य स्वास्थ्य, शारीरिक गठन

राज्य अध्यक्ष, जन सामान्य और सामान्य परिस्थितियां

2

धन, परिवार और बानी का भाव

वित्त और नीति सम्बन्धी विषय

3

पराक्रम, छोटे भाई से सम्बंधित विषय

सूचना और जन भावना सम्बन्धी विषय             

4

सुख, माता, भूमि भवन और वहां का विचार

मूलभूत अधिकार, कृषि, जमीन और विरोधी दलों का विचार

5

बुद्धि रचनात्मकता, प्रेम, और संतान

जन आकांक्षाये, आंदोलन, बैंकिंग इत्यादि

6

रोग रिपुः और ऋण

रक्षा और स्वास्थ्य सेवा सम्बंधित विषय

7

पत्नी और व्यापारिक साझेदार

सामरिक साझेदारी, विरोधीदल,

8

चोट चपेट और दुर्घटना

रुकावट, बदलाव इत्यादि

9

भाग्य या धर्म सम्बन्धी

भाग्य या राज्य की प्राकृतिक अनुकूलता

10

कर्म भाव

जिम्मेदारी, सत्ताधारी दल और भावी राज्याध्यक्ष

11

लाभ भाव

राज्य की नीतियों के परिणाम

12

व्यय भाव

व्यय और व्यवधान

 

चुनाव सम्बन्धी फल कथन के लिए उस राज्य की कुंडली में स्थित ग्रहों और तात्कालिक ग्रह गोचर का अध्ययन किया जाता है|  उनके अनुसार फल कथन किया जाता है| उसके लिए राज्य का निर्माण जिस दिन हुआ वही उसकी जन्म तिथि और राजधानी को जन्मस्थान माना जाता है| उत्तर प्रदेश का निर्माण २४ जनवरी १९५० को हुआ था| अगर समय १०: १५ मिनट लिया जाय तो मीन लग्न की कुंडली बनती है|




अगर ग्रह स्थितियों को देखें तो द्विस्वभाव मीन राशि में १० अंश का चन्द्रमा १७ अंश पर स्थित राहु ग्रहण योग बना रहा है| इतने बड़े प्रदेश में जो की पाकिस्तान के बराबर है, सबसे ज्यादा प्रधान मंत्री देने के बावजूद यह प्रदेश हमेशा गरीब प्रदेशों में गिना जाता रहा है| प्रदेश कभी भो विकाश के मामलों में अग्रणी नहीं हो पाया और सत्तादल इस बारे में कभी गंभीर प्रयास करते दिखे भी नहीं|  

सप्तम भाव में केतु और मंगल के स्थित होने के कारण सत्ता पक्ष और विपक्ष में हिंसक वारदातें विधान सभा में भी हुईं और कभी भी रचनात्मक राजनीती नहीं देखने को मिली है|

वक्री शनि षष्टम में होने की वजह से मूल स्वास्थ्य सेवाएं अपेक्षाकृत निम्न मध्यम स्तर की ही रहीं| दसम भाव में बुध की स्थिति सत्ताधारी दल और भावी राज्याध्यक्ष के लिए सकारात्मक रही है| ग्यारहवें भाव में सूर्य, बक्री शुक्र और गुरु की उपस्थिति राज्य की नीतियों से मध्यम परिणाम की ओर इशारा करते हैं|

चुनाव परिणाम

चुनाव परिणाम के लिए १० मार्च २०२२ के ग्रह गोचर पर ध्यान दे पाते हैं कि राशि चार्ट के बारहवें भाव यानि की कुम्भ राशि में सूर्य, गुरु और बुध हैं| यह बड़े नेताओं के लिए एक शुभ संकेत नहीं है कई मंत्री या बड़े नेता चुनाव हार सकते हैं|


कुंडली के ग्यारहवें भाव यानि कि मकर राशि में शुक्र, मंगल और शनि की उपस्थिति सत्ता पक्ष के मेहनती नेताओं के लिए शुभ संकेत है| शनि चूँकि सामान्य जन मानस का प्रतीक है सत्ता पक्ष के भाव में है अतः सत्ता पक्ष को जमीन से जुड़े नेताओं को ही टिकट दें जिससे जनता का भरपूर समर्थन मिलता रहे| शुक्र स्त्री और मंगल युवा मामलों का प्रतीक है अतः इनका झुकाव सरकार की तरफ हो सकता है| 

नवें भाव यानि की वृश्चिक राशि में केतु की उपस्थिति धर्म के हिसाब से अच्छा योग बनाती है| सत्ता पक्ष को इसके अनुकूल परिणाम मिलेंगे|

राशि चक्र के तीसरे भाव यानि की वृश्चिक राशि में राहु और चन्द्रमा की उपस्थिति सूचना या जन भावना सम्बन्धी विषयों में कुछ चिंता की ओर इशारा करती हैं|

उपर्युक्त पत्रिका देखें तो नवें भाव से पहले भाव तक ग्रहों ने एक सीढ़ी सी बनायीं हुई है| शायद ये भी आने वाले एक अलग तरह के भविष्य की ओर इशारा करती है जिसके बारे में हम फिर कभी बात करेंगे| 

कुल मिलाकर ग्रह गोचर को देखें तो परिस्थितियां सत्ता पक्ष के थोड़ा अनुकूल जरूर हैं लेकिन विपक्ष से जोरदार टक्कर की सम्भावना है| चूँकि राशि चक्र का पहला भाव राजनीतिक दल के नेता का है अतः उनकी कुंडली के अध्ययन से परिस्थितयों को थोड़ा और नजदीक से देखने में मदद मिलेगी| चूँकि कांग्रेस और बसपा तो सिर्फ नाम के लिए चुनाव लड़ रही हैं अखिलेश यादव से योगी आदित्य नाथ की कुंडली ज्यादा मजबूत लगती है| हालाँकि अखिलेश यादव की भी कुंडली काफी मजबूत है लेकिन योगी जी के ग्रह ज्यादा मजबूत लग रहे हैं| सारी परिस्थितियों को एक साथ रखने पर यही कहा जा सकता है की आयेंगे तो योगी जी ही हालाँकि अखिलेश यादव की भी सीट संख्या बढ़ेगी |  

आप अपने मन पसंद के दल या प्रत्यासी को अपना मत दें जो देश के गौरव को बढ़ाने वाला हो, आम जन मानस की परवाह करता हो और उनके लिए संघर्ष करता हो, लोगों में एकता की भावना विकसित करने का प्रयास करता हो, विदेशी कुचक्रो के विरुद्ध खड़ा होने वाला हो| याद रखें देश हित हमारे और आपके व्यक्तिगत हित से बढ़कर है| हमारी तरफ से सभी भावी विधायकों को शुभकामनाएं| 

नोट - यह फल कथन डी-१ चार्ट के ऊपर किया गया है| वास्तविक रिजल्ट ग्रहों की शक्ति उनके नक्षत्रों की स्थिति और नवांश कुंडली के ऊपर भी निर्भर करती है| 

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